अगर औरत पर हाथ उठाये तो ज़ालिम ,
औरत से पिट जाये तो बुजदिल ,
औरत को किसी के साथ देख कर लड़ाई करे तो जुलुस ,
चुप रहे तो बे -गैरत ,
घर से बाहर रहे तो आवारा ,
घर में रहे तो नाकारा ,
बचों को डांटे तो जालिम ,
न डांटे तो लापरवाह ,
औरत को नौकरी से रोके तो शक्की मिजाज़ ,
न रोके तो बीवी की कमाई खाने वाला ,
माँ की माने तो माँ का चमचा ,
बीवी की सुने तो जोरू का गुलाम ...
न जाने कब आएगा . . . . . .
" HAPPY MEN'S DAY
औरत से पिट जाये तो बुजदिल ,
औरत को किसी के साथ देख कर लड़ाई करे तो जुलुस ,
चुप रहे तो बे -गैरत ,
घर से बाहर रहे तो आवारा ,
घर में रहे तो नाकारा ,
बचों को डांटे तो जालिम ,
न डांटे तो लापरवाह ,
औरत को नौकरी से रोके तो शक्की मिजाज़ ,
न रोके तो बीवी की कमाई खाने वाला ,
माँ की माने तो माँ का चमचा ,
बीवी की सुने तो जोरू का गुलाम ...
न जाने कब आएगा . . . . . .
" HAPPY MEN'S DAY
क्या करें हर तरफ मुसीबत है
ReplyDeleteho sakta hai aapne vyang likha ho ???
ReplyDeletesach me pahli bar kise mahila purush ki dyniya dasa ka sajiv varan likha hai
aapko hardik bahai..........sanjay jain. skb.
good writing skill
ReplyDeleteji neha ji visit to sb karte hain.. per comment karne ki liy time nahi sayad logo ke pass.. ya fir unkis soch hi kuch alag hai...
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