उस बाग के बेंच पर हम तीन थे - एक तरफ एक बुजुर्ग अखबार पढ़ रहे थे, दूसरी तरफ मैं और हम दोनों के बीच में एक अधेड़। तीनों अजनबी। अचानक बुजुर्ग अखबार पटक कर खड़े हो गए, 'सब साले चोर हैं।' अधेड़ ने एतराज किया,'आपको ऐसा नहीं कहना चाहिए।' बुजुर्ग ने पूछा, 'क्या तुम नेता हो?' अधेड़ बोला, 'नहीं, मैं चोर हूँ।' बुजुर्ग ने 'चोर' से हाथ मिलायाः 'आएम सॉरी, दरअसल मैंने नेताओं के बारे में कहा।'
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बहुत अच्छे....
ReplyDeleteअंदाज वही है आपका
very nice...
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