उस बाग के बेंच पर हम तीन थे - एक तरफ एक बुजुर्ग अखबार पढ़ रहे थे, दूसरी तरफ मैं और हम दोनों के बीच में एक अधेड़। तीनों अजनबी। अचानक बुजुर्ग अखबार पटक कर खड़े हो गए, 'सब साले चोर हैं।' अधेड़ ने एतराज किया,'आपको ऐसा नहीं कहना चाहिए।' बुजुर्ग ने पूछा, 'क्या तुम नेता हो?' अधेड़ बोला, 'नहीं, मैं चोर हूँ।' बुजुर्ग ने 'चोर' से हाथ मिलायाः 'आएम सॉरी, दरअसल मैंने नेताओं के बारे में कहा।'
Popular Posts
-
किसी शायर ने मौत को क्या खूब कहा :- ज़िन्दगी में 2 मिनट कोई मेरे पास न बैठा , आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे , कोई तोहफा न मिला आज तक मुझे औ...
-
वक़्त कुछ ऐसा हमारा चल रहा है बर्फ में जैसे शिकारा चल रहा है क्या कमाई है महीने की न पूछो ये समझ लो बस गुज़ारा चल रहा है ............... ...
-
महबूब को चाँद कहते हो कभी खुदा बताते हो बुढे माँ - बाप के बारे में तेरा क्या ख्याल हैं. तेरे गिरते हुए कदमो को जिन्होंने चलना सिखाया था ...
-
ईश्वर आज अवकाश पर है ना मन्दिर की घंटी बजाइये, जो बैठा है बूढा अकेला पार्क में , ...उसके साथ समय बिताइये , ईश्वर है पीड़ित परिवार के साथ, ...
-
* जहा तरलता थी - मै डूबती चला गयी | * जहा सरलता थी - मै झुकतइ चली गयी | * संबंधो ने मुझे जहा से छुआ - मै वही से पिघलती चली गयी | * सोचने ...
-
में ने बाइबल को सरहाया ,कुरान को इज्जत बक्शी फिरे मेरी रामायण पर हाअला क्यों है ? तुमने युशु की प्राथना की ,राम क...
-
Audio Recording on Thursday night by Lehar Jain
-
उस बाग के बेंच पर हम तीन थे - एक तरफ एक बुजुर्ग अखबार पढ़ रहे थे, दूसरी तरफ मैं और हम दोनों के बीच में एक अधेड़। तीनों अजनबी। अचानक बुजुर्ग अख...
-
देर रात काम खत्म करके जब पिता घर लौटा तो उसका 5 वर्षीय बेटा दरवाजे पर खड़ा इंतजार कर रहा था। उसके घर मंे घुसते ही बेटे ने पूछा -आप एक घंटे म...
बहुत अच्छे....
ReplyDeleteअंदाज वही है आपका
very nice...
ReplyDelete